परिचय : हमारा हृदय भी राम का बसेरा होना चाहिए, यह एक ऐसा संदेश है जो हमें मानवता, एकता, और समर्थन की ओर प्रेरित करता है। इस विचार का मूल्यांकन हमें समर्थन, सान्त्वना, और सद्भावना के साथ दूसरों के साथ बेहतर संबंध बनाए रखने की दिशा में अग्रसर करता है।
हृदय का बसेरा: हमारा हृदय राम का बसेरा होना मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। राम, एक प्रेरणा स्रोत, एक नैतिक आदर्श, और धर्म के प्रती समर्पित एक अद्भुत पुरुष थे। हमारा हृदय भी उसी प्रकार का होना चाहिए – प्रेम, करुणा, और सहानुभूति से भरपूर।
मुक्ति से: हमारा हृदय सभी दोषों, विकारों, द्वेषों, और शत्रुता से मुक्त होना चाहिए। इससे ही हम स्वतंत्रता, शांति, और समृद्धि की पूरी प्रक्रिया में सहायक बन सकते हैं। हृदय से सभी प्रकार के भेदों को तिलांजलि देकर हम सभी को एक समान और एकत्रित महसूस करा सकते हैं।
राष्ट्र-भक्ति की भावना: हमारा हृदय राष्ट्र-भक्ति की भावना से युक्त होकर सभी के प्रति समर्पित रहना चाहिए। यह सामाजिक और राष्ट्रीय समरसता की भावना को मजबूती से समर्थन करेगा और समृद्धि की ओर एक कदम और बढ़ाएगा।
शुभारंभ: यह सोचने का समय है कि हम अपने हृदय को राम के बसेरे में कैसे बदल सकते हैं। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के शुभारंभ के दिन, हमें यह समझने का एक अद्भुत अवसर मिलता है कि हम एक समृद्ध और समृद्धिशील भारत की दिशा में कैसे कदम बढ़ा सकते हैं।
हमारा हृदय
समापन: समापन में, हमारा हृदय राम का बसेरा होना चाहिए – एक स्थायी, शान्त, और प्रेम से भरा हुआ मकान। इससे ही हम सभी को एकत्र करके, मिलकर अच्छे कार्यों की दिशा में अग्रसर कर सकते हैं और एक बेहतर और समृद्धिशील भविष्य की ओर कदम बढ़ा सकते हैं। यही हमारे राम के बसेरे में से एक होने की सबसे अच्छी शुरुआत होगी।
हमारा हृदय भी राम का बसेरा होना चाहिए। सभी दोषों से, विकारों से, द्वेषों से एवं शत्रुता से मुक्त हो कर दुनिया की माया कैसी भी हो उस में सब प्रकार के व्यवहार करने के लिए समर्थ। हृदय से सब प्रकार के भेदों को तिलांजलि देकर, केवल अपने देशवासी ही नहीं अपितु संपूर्ण जगत को अपनाने की क्षमता रखने वाला इस देश का व्यक्ति, और ऐसा समाज गढ़ने का यह काम है। इस समाज को गढ़ने के काम का एक सगुण साकार प्रतीक, वो यहाँ खड़ा होने वाला है। यह प्रतीक हम सबको सदैव प्रेरणा देता रहेगा।
(05 अगस्त, 2020 – श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य शुभारंभ)