Skip to content

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अध्ययन

Menu
  • होम
  • About US परिचय
  • संघ के सरसंघचालक
    • Terms and Conditions
    • Disclaimer
  • शाखा
  • संघ के गीत
  • एकल गीत
  • गणगीत
  • प्रार्थना
  • सुभाषित
  • एकात्मतास्तोत्रम्
  • शारीरिक विभाग
  • बोद्धिक विभाग
  • अमृत वचन
  • बोधकथा
    • बोधकथा
      • बोधकथा
        • प्रश्नोत्तरी
  • RSS संघ प्रश्नोत्तरी
  • डॉ० केशवराम बलिराम हेडगेवार जीवन चरित्र (प्रश्नोत्तरी)
    • डॉ केशव बलिराम हेडगेवार : Hindi Tweets
    • मातृभाषा_दिवस : Hindi Tweets
    • श्री गुरुजी: Hindi Tweets
  • गतिविधि
  • सम्पर्क सूत्र
  • Contact Us
Menu
प्रार्थना

RSS संघ की प्रार्थना क्या है और इसका अर्थ क्या है शाखा के बाद ये प्रार्थना क्यो बोली जाती है आओ जाने

Posted on December 14, 2023December 14, 2023 by student
प्रार्थना

संघ की प्रार्थना

नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे

त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम् ।

महामंङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे ।

पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते ।।1।।

प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्राङगभूता ।

इमे सादरन् त्वान् नमामो वयम् ।।

त्वदीयाय कार्याय ब्दधा कटीयम् ।

शुभामाशिषन् देहि तत्पूर्तये ।।

अजय्याज च विश्वस्य देहीश शक्तिम् ।

सुशीलञ् जगद्येन नम्रम भवेत् ।।

श्रुतञ चैव निश्श्रेयसस्यैकमुग्रम ।

स्वयं स्वीकृतन् नस् सुगङ कारयेत् ।।2।।

समुत्कर्षं निश्श्रेयसस्यैकमुग्रम् परखूँ साधनन् नाम वीरव्रतम् ।।

तदन्तस् स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा हृदन्तफ् प्रजागर्तुं तीव्राऽनिशम् ।।

विजेत्री च नस् सव्हता कार्यशक्तिर् विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम् ।।

परव्ं वैभवन् नेतुमेतत् स्वराष्ट्रम् । समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम् ।।3।।

॥ भारत माता की जय ॥

संघ की प्रार्थना का अर्थ

हे वत्सल मातृभूमि! मैं तुझे निरन्तर प्रणाम करता हूँ। हे हिन्दुभूमि ! तूने ही मेरा सुखपूर्वक संवर्धन किया है। हे महामंङगलमयी पुण्यभूमि! तेरे लिये ही मेरी यह काया काम आए। मैं तुझे बारम्बार प्रणाम करता हूँ। #प्रार्थना

हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर! हम हिन्दुराष्ट्र के अंगभूमि घटक, तुझे आदरपूर्वक प्रणाम करते हैं। तेरे ही कार्य के लिये हमने अपनी कमर कसी है। उसकी पूर्ति के लिये हमें शुभा आशीर्वाद दे । विश्व के लिये जो अजये हो ऐसी शक्ति, सारा जगत् जिससे विनम्र हो ऐसा विशुद्ध शील तथा बुद्धिपूर्वक स्वयं स्वीकृत हमारे कण्टकमय मार्ग को सुगम करने वाला ज्ञान विवेक भी हमें दें। #प्रार्थना

ऐहिक और पारलौकिक कल्याण तथा मोझ की प्राप्ति के लिये वीरव्रत नामक जो एकमेव, श्रेष्ठ, उत्कट साधन है, उसका हमारे अन्तःकरण में स्फुरण हो। हमारे हृदय में अक्षय तथा तीव्र ध्येयनिष्ठा सदैव जागृत रहे। तेरे आशीर्वाद से हमारी विजयशालिनी संगठित कार्यशक्ति स्वधर्म का रक्षण कर अपने इस राष्ट्र को परम वैभव की स्थिति में ले जाने में पूर्णतया समर्थ हो । #प्रार्थना

॥ भारत माता की जय ॥

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे http://rss.org

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

संघ के कुछ

  • Health Tips
  • RSS News
  • RSS संघ प्रश्नोत्तरी
  • Tweets RSS
  • अम्रतवचन
  • आज का पंचांग
  • गीत ,गणगीत , बालगीत और एकलगीत
  • बोधकथा
  • भारत की महान विभूतियाँ
  • महाभारत
  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस)
  • शाखा
  • संघ उत्सव
  • संघ शिक्षा वर्ग
  • सर संघचालक
  • सुभाषित
  • स्मरणीय दिवस
  • स्वामी विवेकानन्द
© 2025 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अध्ययन | Powered by Minimalist Blog WordPress Theme