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संघ के कुल चार शिक्षा वर्ग होते है
संघ के शिक्षा वर्ग को चार भागों में विभाजित किया जाता है: प्राथमिक वर्ष, प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष।
प्राथमिक वर्ष: प्राथमिक वर्ष संघ के शिक्षा वर्ग का प्रथम वर्ष होता है। इस वर्ष में छात्रों को संघ के मूल अवधारणाओं, शिक्षा के महत्व, राष्ट्रीय संगठन और राष्ट्रीय एकता के विषयों पर ज्ञान प्राप्त कराया जाता है। इस वर्ष का मुख्य उद्देश्य छात्रों को संघ के सिद्धांतों और मूल्यों के साथ परिचित कराना होता है।
प्राथमिक वर्ग में संघ से जुडी सभी जानकारी दी जाती हे | इसके अंतर्गत संघ में होने वाली शाखा , प्रार्थना , बैठक आदि कार्य को करना सिखाया जाता है | शाखा में सभी बालको को प्रार्थना करना , बैठक में संघ से जुडी सभी जानकारी दी जाती है | शाखा में बैठक के दोरान संघ से जुडी सभी गतिविधियों के बारे में व उसके पूर्व इतिहास के जानकारी दी जाती है | शाखा के दोरान व्यायाम , क्रीडा आदि क्रिया कराई जाती है | संघ में सात दिनों तक प्रतिदिन संघ से जुडी गतिविधियों कराई व सिखाई जाती है और उसके साथ-साथ प्रतिदिन के कार्य भी कराये जाते है इसके अंतर्गत भोजन कि व्यस्था व अन्य देनिक कार्य कि व्यस्था किओ जाती है | इन सात दिनों में बालक को लाठी चलाना , सूर्यनमस्कार करना , आत्मरक्षा करना , दंड-बैठक करना , कसरत करना , व्यायाम करना आदि क्रिया कराई जाते है |
प्रथम वर्ष: प्रथम वर्ष संघ के शिक्षा वर्ग का दूसरा वर्ष होता है। इस वर्ष में छात्रों को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, वैश्विक परिस्थितियों, राष्ट्रीय विकास के लिए कार्यक्रम और राष्ट्रीय सुरक्षा पर ज्ञान प्राप्त कराया जाता है। इस वर्ष का मुख्य उद्देश्य छात्रों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गतिशीलता और समाज सेवा के माध्यम से समर्थ नागरिक बनाना होता है।
संघ के अंतर्गत जब व्यक्तियों को एक वर्ष पूर्ण हो जाता है तब उसको 20 दिनों शिक्षा दी जाती है इसमें उसको शाखा लगाने कि विधि व उससे जुड़े सभी दिशा निर्देश का पालन करना व पालन करना सिखाया जाता है | शाखा लगाना पूर्ण रूप से सिखाया जाता है और उनको शाखा कि प्रार्थना करना , ध्वज लगाना आदि कार्य सिखाये व कराये जाता है | इन 20 दिनों में प्रतिएक व्यक्ति को पूर्णत सिखाया जाता है कि शाखा किस प्रकार लगनी है | तथा इन दिनों में व्यक्तियों को लाठी चलाना , सूर्यनमस्कार करना , आत्मरक्षा करना , दंड-बैठक करना , कसरत करना , आसन करना , व्यायाम करना आदि क्रिया कराई जाते है |
द्वितीय वर्ष संघ के शिक्षा वर्ग का तृतीय वर्ष होता है। इस वर्ष में छात्रों को संघ के सिद्धांतों, नीतियों, और संगठन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत ज्ञान प्राप्त कराया जाता है। इस वर्ष का मुख्य उद्देश्य छात्रों को संघ के कार्यों और संगठन के साथ गहरी जुड़ाव विकसित करना होता है। द्वितीय वर्ष में छात्रों को संघ के विभिन्न क्षेत्रों में अवसर मिलते हैं, जैसे कि स्वयंसेवकों के साथ कार्य, सामरिक प्रशिक्षण, समुदाय सेवा कार्यों में सहभागिता, और विभिन्न संघ आरंभिक संरचनाओं में सहायता। छात्रों को संघ के माध्यम से सामाजिक संगठन और संघ के कार्यों में व्यापक रूप से संलग्न होने का अवसर मिलता है। छात्रों को भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीय एकता, और समाज की सेवा के महत्व को समझाया जाता है।
तृतीय वर्ष एक शिक्षा पदाधिकारी या अध्यापक की ओर से प्रदान की जाने वाली एक शिक्षा डिग्री हो सकती है। यह डिग्री आपको किसी विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने की अनुमति देती है और आपकी शिक्षा पदाधिकारी के तौर पर काम करने की प्राधिकरण देती है। यह डिग्री विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध हो सकती है, जैसे कि शिक्षा, विज्ञान, कला, वाणिज्य, विज्ञान, औद्योगिक प्रबंधन, और अन्य। तृतीय वर्ष की डिग्री आपको उच्चतर शिक्षा के लिए पात्रता प्रदान करती है और आपको अधिकांश नौकरी संबंधित विषयों में मान्यता प्राप्त करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, आप एक विशेषज्ञ के रूप में काम करने की संभावना भी बना सकते हैं, जहां आपको अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने का अवसर मिलता है। यह डिग्री काफी विविध होती है और विशेषताएं क्षेत्रानुसार भिन्न हो सकती हैं। इसलिए, तृतीय वर्ष की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए संघ की आधिकारिक वैबसाइट पर जाये |
कुल चार प्रकार के वर्ग होते हैं। “प्राथमिक वर्ग” एक सप्ताह का होता है,
“प्रथम” और “द्वितीय वर्ग” २०-२० दिन के होते हैं,
“तृतीय वर्ग” 25 दिनों का होता है।
प्राथमिक वर्ग का आयोजन सामान्यतः जिला करता है,
“प्रथम संघ” का आयोजन सामान्यत: प्रान्त करता है,
“द्वितीय संघ ” का आयोजन सामान्यत: क्षेत्र करता है।
परन्तु “तृतीय संघ ” हर साल नागपुर में ही होता है।
शिक्षा वर्ग -राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
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