कमर दर्द हो या, पीठ के नीचले हिस्से में दर्द (रीढ़ की हड्डी के नीचे के नीचले हिस्से में दर्द) या फिर पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द। लोग इस दर्द से काफी परेशान रहते हैं। कई लोग सोचते हैं कि कमर दर्द या पीठ दर्द सिर्फ वृद्धावस्था में होता है, लेकिन यह सच नहीं है। यह किसी भी उम्र में होने वाली तकलीफदेह बीमारी है। आज की बदलती जीवनशैली पीठ या कमर दर्द का कारण बन रही है। महिलाओं में मासिक एवं गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द की शिकायत अधिक देखी जाती है। अधिकांश लोग कमर दर्द के लिए अंग्रेजी दवा का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आप चाहे तो कमर दर्द का इलाज घरेलू उपाय से भी कर सकते हैं। कमर दर्द (पीठ दर्द) के कारण क्या हो सकते हैं?

1. कैल्शियम की कमी का होना-
कमर दर्द (पीठ दर्द) होने की संभावना मुख्य रूप से ऐसे लोगों में अधिक रहती है, जिनके शरीर में कैल्शियम की कमी होती है।
2. ज्यादातर देर तक बैठकर काम करना-
आज के वर्तमान समय में ज्यादातर लोगों को बैठकर काम करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में ऐसे लोगों को कमर दर्द (पीठ दर्द) होने की संभावना काफी ज्यादा रहती है।
3. अर्थराइटिस से पीड़ित होना-
कमर दर्द (पीठ दर्द) ऐसे लोगों को भी हो सकती है, जो अर्थराइटिस से पीड़ित होती हैं। ऐसे लोगों को अपना अर्थराइटिस का परीक्षण पूरा कराना चाहिए ताकि उन्हें किसी तरह की गंभीर बीमारी न हो।
4. बैठने की मुद्रा सही न होना-
अक्सर,आपने ऐसे लोग देखे होंगे, जिनके बैठने की मुद्रा (position) सही नहीं होती है। ऐसे लोगों को कमर दर्द (पीठ दर्द) होने की संभावना काफी अधिक रहती है।
5. एक्सराइज़ न करना-
आमतौर पर, ऐसा माना जाता है कि हम सभी को कम-से-कम 15-30 मिनट एक्सराइज़ करनी चाहिए। एक्सराइज़ हमारे शरीर को लचीला बनाने में सहायक साबित होती है। इसके बावजूद कुछ लोग एक्सराइज़ नहीं करते हैं, जिनके कारण उन्हें कमर दर्द (पीठ दर्द) समेत हेल्थ काफी सारी समस्याएं हो सकती हैं।
अदरक का प्रयोग
अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इतना ही नहीं, यह एक प्राकृतिक दर्द निवारक के रूप में काम करता है। इसके इस्तेमाल के लिए आप अदरक के टुकड़ों को एक गिलास पानी में डालकर उबालें और फिर उसे हल्का ठंडा करके उसमें शहद मिलाएं। इस पानी का सेवन सिर्फ कमर दर्द ही नहीं बल्कि शरीर के हर भाग में होने वाले दर्द से राहत दिलाता है।
लहसुन है लाभकारी
अदरक की तरह लहसुन भी दर्द को दूर करने में रामबाण की तरह काम करता है। जिन लोगों को अक्सर कमर में दर्द की शिकायत रहती है, उन्हें हर रोज सुबह खाली पेट दो-तीन कलियां लहसुन की चबानी चाहिए। वहीं अगर आपको शरीर के किसी भी भाग में तेज दर्द है तो आप लहसुन का तेल लगाकर उस हिस्से की मालिश करें। इससे आपको काफी आराम मिलेगा। आप चाहें तो नारियल तेल में लहसुन और लौंग को मिलाकर पकाएं। जब यह हल्का गुनगुना रह जाए तो इसका इस्तेमाल करें। यह तेल भी कमर दर्द के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। करें सिकाई कमर दर्द को दूर करने के लिए आप सबसे पहले गरम पानी लेकर उसमें थोड़ा नमक मिलाएं। अब इस पानी में तौलिया भिगोकर निचोड़ें। इसके बाद पेट के बल लेट जाएं और इस तौलिए से कमर की सिकाई करें। आपको तुरंत लाभ नजर आएगा। इसके अतिरिक्त कमर की सिकाई करने के लिए आप कढ़ाई में नमक डालकर उसे सेंक लें। अब इस नमक को किसी मोटे सूती कपड़े में बांधकर पोटली बनाएं। अब इस पोटली से कमर की सिकाई करें। यह भी कमर दर्द को दूर करने का एक अचूक नुस्खा है।
कमर दर्द का इलाज कैल्शियम की कमी को पूरी करने के लिए डेयरी प्रॉडक्ट और कैल्शियम से भरपूर आहार खाएं। रोजाना 2 गिलास दूध जरूर पीएं। इसके अलावा हड्डियों की कमजोरी कमर दर्द का सबसे बड़ा कारण हैं हड्डियों की कमजोरी को दूर करने के लिए रोज सुबह की धुप में 25 से 30 मिनट तक बैठे।
सोंठ
सोंठ सूखी हुई अदरक होती है, जिसके सेवन से पाचन तंत्र, श्वसन तंत्र और वात दोष संबंधी समस्या से राहत मिलती है। सोंठ को सेंधा नमक के साथ सेवन करने से वात दोषों में कमी आती है। सोंठ को काढ़े, अर्क, पाउडर, टैबलेट, रस आदि के रूपों में सेवन किया जा सकता है, जिससे आपको कमर दर्द में राहत मिलेगी।
सिंहनाद गुग्गुल
सिंहनाद गुग्गुल कमर दर्द और वात दोषों के लिए एक अच्छी औषधि है। कमर दर्द के लिए सिंहनाद गुग्गुल की एक से दो गोलियों को पानी के साथ दिन में तीन बार ले सकते हैं। इसके अलावा अपने डॉक्टर के परामर्श पर ही सिंहनाद गुग्गुल खाएं।
बालारिष्ट
बालारिष्ट एक प्रकार का सिरप होता है, जो अश्वगंधा, गुड़, अरंडी की जड़, लौंग, इलायची आदि जड़ी-बूटियों से मिला कर बनाया जाता है। बालारिष्ट वात असंतुलन को संतुलित करता है, जिससे कमर दर्द में राहत मिलती है।
दशमूल कषाय
दशमूल कषाय दस जड़ी-बूटियों से बना एक काढ़ा होता है, जो बेल, कथेरी, कलशी आदि बूटियों के मिलने से बना होता है। दशमूल कषाय गठिया रोग और कमर दर्द के लिए एक बेजोड़ इलाज है। इसका सेवन दो महीने तक दिन में दो बार करने से पुराने कमर दर्द में राहत मिलती है।
- गर्मी या ठंडाई:
- कमर दर्द में सुझावों में से एक यह है कि आप गर्मी या ठंडाई का इस्तेमाल करें। गरम या ठंडा पदार्थ कमर की सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
- सुजी हुई धूप और गर्म तेल मालिश:
- सुबह की समय में सूजी हुई धूप से लाभ उठाएं और उसके बाद गर्म तेल से कमर की मालिश करें। यह सूजन को कम करने और मांसपेशियों को ढीला करने में मदद कर सकता है।
- अदरक और लहसुन का उपयोग:
- अदरक और लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं। आप इन्हें खाने में शामिल कर सकते हैं या इनका रस निकालकर पी सकते हैं।
- सही पोज:
- सही बैठने और सोने की पोज भी कमर दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। समरूपता बनाए रखने के लिए एक अच्छा मटरेस चयन करें।
- अच्छी चादरों का इस्तेमाल:
- सोने के समय अच्छी चादरों का इस्तेमाल करें ताकि शरीर सही से सपोर्ट हो और कमर में दर्द न हो।
- व्यायाम:
- कुछ योगासन और कमर संबंधित व्यायामें कमर दर्द में राहत प्रदान कर सकती हैं। लेकिन सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- गरम पानी बोतल:
- गरम पानी बोतल को कमर के निचले हिस्से पर रखकर आराम से लेट जाएं। यह मांसपेशियों को ढीला करने में मदद कर सकता है।
- नियमित व्यायाम:
- नियमित रूप से व्यायाम करना कमर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान कर सकता है और कमर दर्द को रोकने में मदद कर सकता है।
- ताजगी की साँसें:
- गहरी साँसें लेना और उन्हें धीरे-धीरे छोड़ना कमर की मांसपेशियों को आराम पहुंचा सकता है।
- होम्योपैथिक उपचार:
- कुछ होम्योपैथिक दवाएं भी कमर दर्द को ठीक करने में सहायक हो सकती हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करें।
कमर दर्द असुविधा की स्तिथि में डॉक्टर से सलाह लेना बेहद महत्वपूर्ण है। वह आपकी चिकित्सा इतिहास, शारीरिक स्थिति, और तकलीफों का समर्थन करके एक सही और व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करेंगे।
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