आध्यात्मिकता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक – श्री राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा
22 जनवरी को अयोध्या में एक ऐतिहासिक क्षण होगा, जब श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा। इस अद्वितीय पर्व के चलते विभिन्न परंपराओं और धरोहरों के साधु-सन्त, देशभक्त नेता, और सामाजिक सजगता के कई प्रमुख व्यक्तियों को अयोध्या में आमंत्रित किया गया है। #राम मंदिर

राम मंदिर के लिए महत्वपूर्ण प्रस्तावनाएं:
- नगर विकास: नगर में नवस्थापित तीर्थक्षेत्रपुरम में अस्पताल, रसोई घर, और नलकूपों के साथ एक पूरा नगर की सफलतापूर्ण विकास की योजना है।
- सेवा क्षेत्र: चिकित्सकों द्वारा स्वीकृति देने से सात्त्विक सेवाएं निर्देशित होंगी, जो स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सक्रिय रहेंगी।
- सामाजिक कार्य: अनेक स्थानों पर लंगर, भोजनालय, और भण्डाराएं स्थापित की जा रही हैं, जो नगर के हर क्षेत्र में सामाजिक सेवाएं प्रदान करेंगी।
- आमंत्रण और समर्थन: लगभग चार हजार सन्तों को आमंत्रित किया गया है, साथ ही सभी परम्पराओं के सन्तों, शंकराचार्यों, और अन्य धार्मिक गुरुओं को बुलावा भेजा गया है।
- मूर्ति प्रतिष्ठा: रामलला की मूर्ति तीन मूर्तिकारों द्वारा टियर की जा रही है, जिसमें भारतीय सांस्कृतिक और कला की श्रेष्ठता को प्रमोट करने का प्रयास है। #राम मंदिर
- पूजा क्रियाएं: प्राण-प्रतिष्ठा पूजा का आयोजन 16 जनवरी से होगा, जिसमें काशी के गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ और अन्य आचार्य भाग लेंगें। #राम मंदिर
- मंडल पूजा: प्राण-प्रतिष्ठा पूजा के बाद 48 दिन की मंडल पूजा होगी, जिसमें विश्वप्रसन्न तीर्थ जी के नेतृत्व में सन्त समूहों द्वारा सम्पन्न की जाएगी। #राम मंदिर
इस अद्वितीय समारोह से नगर को नये उच्चतमों की ओर एक कदम और बढ़ाने का आत्मविश्वास मिल रहा है, जो आने वाले समय में नये विकास की ऊंचाइयों को छूने में सहायक होगा। #राम मंदिर
22 जनवरी को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कार्यक्रम संबंधित कुछ बिंदु : सभी परम्पराओं के साधु-सन्त के साथ ही किसी भी क्षेत्र में देश का सम्मान बढ़ाने वाले सभी प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया है। नवस्थापित तीर्थक्षेत्रपुरम (बाग बिजैसी) में टिन का नगर बसाया गया है जिसमे छः नलकूप, छः रसोई घर और दस बिस्तरों वाला एक अस्पताल स्थापित किया जा रहा। देशभर के लगभग डेढ़ सौ चिकित्सकों ने इसमें क्रमिक सेवा के लिए अपनी स्वीकृति दी है। इसके साथ नगर के हर कोने में लंगर, भोजनालय, भण्डारा, अन्नक्षेत्र चलेंगे। करीब चार हजार सन्तों को आमंत्रण भेजा गया है। प्रयास है कि सभी परम्पराओं के सन्त आएं। सभी शंकराचार्य महामण्डलेश्वर सिख और बौद्ध पंथ के शीर्ष सन्तों को बुलावा भेजा गया है। स्वामी नारायण, आर्ट ऑफ लिविंग, गायत्री परिवार, किसान, कला जगत के प्रमुख लोगों को आमंत्रित किया गया है। 1992 से 1984 के बीच सक्रिय पत्रकारों को भी बुलावा भेजा गया है। कारसेवकों के परिजनों को भी निमंत्रण भेजा गया है। रामलला की मूर्ति तीन मूर्तिकारों क्रमशः गणेश भट्ट, अरुण योगिराज, सत्यनारायण पांडेय द्वारा टियर की जा रही है, इनमें में से जो भी मूर्तिकार पांच वर्ष के बालक की कोमलता को उकेरने में सफल होगा, उसी की मूर्ति चुनी जाएगी। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का पूजन 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा काशी के गणेश्वर शास्त्री द्राविड़, लक्ष्मीकांत दीक्षित (कर्मकांड) पूजा सम्पन्न कराएंगे। प्राण-प्रतिष्ठा पूजन के बाद 48 दिन की मंडल पूजा होगी जो विश्वप्रसन्न तीर्थ जी के नेतृत्व में होगी।
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